Department News    दिनांक 03.08.2025 को संगठन के अंतर्गत नदियों एवं नहरों का डिस्चार्ज (क्यू0)- गंगा नदी हरिद्वार -94939 पी0यू0जी0सी- 7020, रायवाला-101410, बिजनौर डाउन-56539, खो बैराज-920, नरौरा बैराज अपस्ट्रीम-91807 एवं डाउन स्ट्रीम-77369. एल0जी0सी0-7978, पी0एल0जी0सी0-7052, फर्रूखाबाद शाखा-1018, नदरई डाउन-5547, नदरई पी0एल0जी0सी0-4876, नदरई स्केप-369, PLGC नदरई स्केप-868, बेवर शाखा-899, कानपुर शाखा-3541, जसराना-152, पश्चिमी इलाहाबाद शाखा-1733, फतेहपुर शाखा-1251, फतेहपुर शाखा-किमी0 31.400(एल0जी0सी0फतेहपुर)-1217, फतेहपुर शाखा-किमी0 59.600 (एल0जी0सी0फतेहपुर)-NIL, फतेहपुर शाखा-किमी0 59.600 (सि0ख0फतेहपुर)-1030, इटावा शाखा-2825, इटावा शाखा दिबियापुर-1007, भोगनीपुर शाखा-1510, जरौली पम्प नहर-, किशनुपर पम्प नहर-360 एवं उमरहट पम्प नहर-0, लवकुश बैराज अपस्ट्रीम-112.900 मीटर, डाउनस्ट्रीम 110.650, शुक्लागंज -105011 यमुना नदी एट इटावा-120.27 मीटर एवं औरैया- 114.840 मीटर, चम्बल नदी-121.58 मीटर

Ganga River

गंगा भारत की सबसे लंबी और पवित्र नदी है। यह नदी हिमालय की चोटियों पर स्थित गंगोत्री हिमनद के गोमुख स्थान से निकलती है और उत्तर भारत के गंगा के मैदान में बहती है। गंगा की लंबाई 2,525 किलोमीटर है, यह उत्तराखंड (110 किलोमीटर) और उत्तर प्रदेश (1,450 किलोमीटर), बिहार (445 किलोमीटर) और पश्चिम बंगाल (520 किलोमीटर) से होकर बहती है। अकेले भारत में गंगा बेसिन लगभग 8.6 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। मुर्शिदाबाद शहर से हुगली शहर तक गंगा का नाम भागीरथी नदी तथा हुगली शहर से मुहाने तक गंगा का नाम हुगली नदी है।
अंशुमान के पौत्र भगीरथ ने कठोर तप किया और ब्रह्मा और शिव का अनुग्रह प्राप्त किया । ब्रह्मा ने गंगा को धरती पर उतरने दिया , जबकि शिव ने अपनी जटाओं में गंगा के गिरने को रोक दिया, ताकि उसका बल धरती को न तोड़ सके। जब गंगा धरती पर उतरीं, तो भगीरथ ने उन्हें समुद्र तक पहुँचाया।
यह भारत और बांग्लादेश दोनों देशों से होकर गुज़रती है। गंगा के कई किनारे नेपाल में भी स्थित हैं। यह नदी हरिद्वार से दक्षिण की ओर, फिर दक्षिण-पूर्व और पूर्व की ओर बहती है और फिर भागीरथी और हुगली नाम की दो नदियों में बंट जाती है। गंगा की कई महत्वपूर्ण सहायक नदियां हैं, जिनमें रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी और महानदा शामिल हैं।
हरिद्वार से लगभग 800 किमी मैदानी यात्रा करते हुए बिजनौर, गढ़मुक्तेश्वर, सोरों, फर्रुखाबाद, कन्नौज, बिठूर, कानपुर होते हुए गंगा प्रयाग (प्रयागराज) पहुँचती है। यहाँ इसका संगम यमुना नदी से होता है। यह संगम स्थल हिंदुओं का एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ है। इसे तीर्थराज प्रयाग कहा जाता है।अंत में यह नदी सागर द्वीप के पास बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है।


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